हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام السجاد علیہ السلام
لاحَسَبَ لِقُرَشيًّ و لاعَرَبِيٍّ إلاّبِتواضُعِ و لاكَرَمَ إلاّ بِتَّقوي
हज़रत इमाम सैय्यद सज्जाद (अ.स.) ने फरमाया:
कुरैशी और अरबी के लिए कोई इफ्तेखार नहीं है। सिवाये नम्रता और शालीनता के और कोई इज़्ज़त और सर बुलंदी नहीं है सिवाये तक़वा के-
बिहारूल अनवार,भाग70,पेंज287